मणिपुर में बीते 4 दिन में 12 और मौतें:मैरी कॉम ने अमित शाह को पत्र लिखा; कहा- कोम जनजाति को बचाएं



 इंफाल- मणिपुर के चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों के बॉर्डर पर बफर जोन में अब भी हिंसा जारी है। यह 29 अगस्त को दोबारा भड़की थी। बीते चार दिनों में 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 18 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। दोनों जिलों में आर्मी को तैनात किया गया है। अभी यहां के बफर जोन में CRPF और असम राइफल्स तैनात थी।

वहीं, पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन मुक्केबाज और पद्मविभूषण से सम्मानित मैरी कॉम ने एक बार फिर केंद्र से मदद मांगी है। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने अपील की है कि केंद्रीय सुरक्षा बल दोनों समुदायों को कोम गांवों में घुसने से रोके। आर्मी कोम जनजाति को बचाएं।

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को केंद्र और मणिपुर सरकार को हिंसा प्रभावितों तक भोजन, दवाएं और बुनियादी सामान पहुंचाने का निर्देश दिया। CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सरकार से अलग-अलग संगठनों की नाकेबंदी से खुद निपटने को कहा। साथ ही ऑप्शन के तौर पर प्रभावित इलाकों में राशन की एयर ड्रॉपिंग की सलाह दी। मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी।

पिछले दिनों भड़की हिंसा में कुकी गायक की मौत

खोइरनटक, चिंगपेई, खोशुबंग और नारायनसेना में मैतेई और कुकी हमलावरों के बीच 31 अगस्त को हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान मोर्टार हमलों और फायरिंग में पांच लोगों की मौत हुई थी। मृतकों में मणिपुर के चर्चित कुकी गायक मंगबोई लुंगडिम भी थे, जिन्होंने मई में हिंसा भड़कने के बाद ‘आई गम हिलौ हैम’ (क्या यह हमारी भूमि नहीं) गीत लिखा और गाया था।

29 अगस्त को गोलीबारी में 2 लोगों की मौत हुई थी

मणिपुर के बिष्णुपुर-चुराचांदपुर सीमा पर 29 अगस्त को दो गुटों में गोलीबारी हुई थी। इसमें ग्राम रक्षा दल के दो वॉलंटियर्स की मौत हो गई थी। वहीं 7 लोग घायल हुए थे। नारानसीना में हमलावरों ने खेतों में काम कर रहे किसानों पर गोलाबारी की थी। इसके जवाब में वॉलंटियर्स ने भी फायरिंग शुरू कर दी थी।

मृतकों की पहचान लाइबुजम इनाओ और जांगमिनलेन गंगेट के रूप में हुई। लाइबुजम को बिष्णुपुर के नारानसीना में गोली लग गई थी। इंफाल के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं जांगमिनलेन चुराचांदपुर के सोंगदो गांव में झड़प के दौरान घायल हो गया था। बाद में उसने भी दम तोड़ दिया।

28 अगस्त को प्रतिबंधित समूह के 2 लोग गिरफ्तार हुए

मणिपुर पुलिस ने 28 अगस्त को प्रतिबंधित विद्रोही समूह की राजनीतिक विंग रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (RPF), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम इसाक-मुइवा (NSCN-IM) के एक-एक एक्टिव कैडर और कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (KCP) के दो ओवर-ग्राउंड वर्कर को गिरफ्तार किया था।

इंफाल पूर्व और बिष्णुपुर में तलाशी अभियान के दौरान 6 हथियार, 5 गोला-बारूद और 2 विस्फोटक बरामद किए गए थे। पुलिस ने 29 अगस्त को इसकी जानकारी दी थी। सुरक्षाबलों ने राज्य के अन्य इलाकों में भी गोलीबारी होने की बात कही है।

3 मई से जारी हिंसा में 160 से ज्यादा मौतें

राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई से जारी हिंसा में 160 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने बताया था कि मणिपुर में 6 हजार 523 FIR दर्ज की गई हैं। इनमें से 11 केस महिलाओं और बच्चों की हिंसा से जुड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 7 अगस्त को कहा था कि मणिपुर में हिंसा से जुड़े मामलों की 42 स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीमें (SIT) जांच करेंगी।

हिंसा के बाद 65 हजार से ज्यादा लोगों ने घर छोड़ा

हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 6 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। आगजनी की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 IPS तैनात किए गए हैं। पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 129 चौकियां स्थापित की गईं हैं।


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