उड़द और सोयाबीन नहीं लगे फल, खराब फसल लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान

अशोकनगर।
जिले में अनेक स्थानों पर उड़द और सोयाबीन की फसल खराब हो गई है। फसल अफलन होने के कारण किसान मुआवजे की मांग करने लगे हैं। मंगलवार को एक दर्जन से अधिक ग्रामों के सैकड़ों किसान खराब फसल लेकर जनसुनवाई में कलेक्ट्रेट पहुंचे। किसानों ने चेतावनी दी है कि जल्द भी प्रशासन ने उनकी खराब फसलों का सर्वे नहीं कराया और मुआवजा नहीं दिया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे तथा आत्महत्या के लिए मजबूर होंगे।
फसल लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान प्रदीप यादव, डॉ. जय यादव, बलवीर सिंह आदि ने बताया कि हम सभी किसान ग्राम बरोदिया और गोपालपुर के निवासी हैं। इन किसानों ने बताया कि उन्हें पिछले वर्ष का फसल बीमा अभी तक नहीं मिला है जबकि आसपास के लोगों को बीमा मिल चुका है। केवल हमारे दो ग्रामों को छोड़ दिया गया है। इस वर्ष फसल भी कम वर्षा के कारण सूख गई है। हमने जो सोयाबीन और उड़द की बोवनी अपने खेतों में की थी वह फसल भी अफलन की स्थिति के कारण नष्ट हो गई है। किसानों ने मांग की है किहमें पिछले वर्ष का फसल बीमा दिया जाए और वर्तमान में खेतों की जांच कराई जाकर मुआवजा दिलाया जाए।
इसी प्रकार ग्राम बरखेड़ालाल के किसानों ने बताया कि उन्होंने उड़द बाई थी, लेकिन फल नहीं लगे हैं। फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। श्यामलाल अहिरवार ने बताया कि उसने अपने खेत में सोयाबीन और उड़द दोनों की फसल बोई थी किन्तु उनकी फसल में फली नहीं लगी है।
ग्राम नगेश्री, मड़ी, इंगलीखेड़ी और धरोई के किसान हरनारायण राजकुमार, लल्लीराम, राजाभैया, गोकुल, गंगाराम, भोला राय आदि ने बताया कि उनके खेतों में उड़द की फसल में पीला मैजिक रोग लगने व अल्पवृष्टि से फसल नष्ट हो गई है। उड़द में पीलापन आ गया है। फली नहीं लगने के कारण इन सभी ग्रामों में पूरी फसल बांझ हो गई है। फसल आना तो दूर अब बीज भी निकलना मुश्किल हो गया है। ऐसी स्थिति में उन्होंने उक्त ग्रामों में उड़द की फसल का सर्वे कराया जाकर फसल की क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। नईसरायं तहसील के अंतर्गत ग्राम महिदपुर से आए किसान सुनील, हरिसिंह, सुरेन्द्र, रविन्द्र आदि ने अपने आवेदन में कलेक्टर से कहाकि उन्होंने अपने खेतों में उड़द की फसल की बोवनी की थी। फसल में न तो फूल लगे और न ही फली आयी है। 70-80 बीघा के क्षेत्रफल में यह अफलन की स्थिति पैदा हो गई है। किसानों ने मांग की है कि उनकी उड़द की फसल का सर्वे कराया जाकर बीमा दिलाया जाए। इसके साथ ही प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही खराब फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा नहीं दिया गया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे और मजबूरी में आत्महत्या के लिए कदम उठा सकते हैं।

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